
Vijayadashami 2025 : विजयादशमी, जिसे दशहरा भी कहा जाता है, भारत के सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। इस साल विजयादशमी 2 अक्टूबर 2025 को गुरुवार के दिन मनाई जाएगी। यह पर्व खासतौर पर भगवान राम और देवी दुर्गा की विजय को याद करते हुए मनाया जाता है। यह दिन विजय और अच्छाई की बुराई पर, और धर्म की अधर्म पर जीत की प्रतीक है।
विजयादशमी का महत्व भारतीय संस्कृति में अत्यधिक है। इसे भगवती दुर्गा के ‘विजया’ नाम पर भी ‘विजयादशमी’ कहा जाता है। इस दिन का इतिहास भगवान राम से जुड़ा हुआ है, जब उन्होंने चौदह वर्ष का वनवास पूरा कर रावण का वध किया और अयोध्या लौटे। रावण का वध एक प्रतीक था अधर्म और बुराई पर धर्म और अच्छाई की जीत का। इसी दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था, जो अपने अत्याचारों से पृथ्वी को त्रस्त कर रहा था।
विजयादशमी का पर्व हिन्दू धर्म में अच्छाई की बुराई पर विजय, और आत्मबलिदान की भावना को मनाने के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व दो प्रमुख घटनाओं का प्रतीक है – रामचन्द्रजी द्वारा रावण पर विजय और देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर पर विजय।
विजयादशमी की प्रमुख विशेषताएँ:
1. रावण वध का प्रतीक: विजयादशमी के दिन भारत के विभिन्न हिस्सों में रावण के पुतले जलाए जाते हैं, जिसमें रावण के पुतले को आग लगाकर उसकी बुराई का वध किया जाता है। यह दृश्य दर्शाता है कि बुराई चाहे कितनी भी ताकतवर क्यों न हो, अंत में अच्छाई की ही जीत होती है।
2. शमी पूजा और अपराजिता पूजा: विजयादशमी के दिन शमी के पेड़ की पूजा करने की परंपरा है। शमी का पेड़ विजय का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा, अपराजिता पूजा भी की जाती है, जो देवी दुर्गा के समर्पण और विजय का प्रतीक है।
3. सीमोलंघन: यह एक और महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जो विजयादशमी के दिन किया जाता है। सीमोलंघन का अर्थ है सीमा का उल्लंघन करना, और यह प्रतीक है कि हम जीवन की चुनौतियों को पार कर सकते हैं।
4. सांस्कृतिक कार्यक्रम और मेला: इस दिन भारत के विभिन्न हिस्सों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों और मेलों का आयोजन होता है। लोग इस दिन अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर रात्रि को रामलीला के मंचन का आनंद लेते हैं और साथ ही विभिन्न प्रकार के आयोजन होते हैं।
विजयादशमी की व्यावहारिकता: यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज को एक संदेश भी देता है। विजयादशमी हमें यह सिखाती है कि हमें हर परिस्थिति में धैर्य और सत्य का पालन करना चाहिए। चाहे जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न हों, अगर हमारी सोच और कर्म सही हैं, तो विजय निश्चित रूप से हमारी होगी।
विजयादशमी का पर्व जीवन में एक नई शुरुआत का संकेत भी है। यह हमें अपने सभी पुराने दुश्वारियों और नकारात्मकता से मुक्त होने का अवसर देता है। इस दिन को एक नए उद्देश्य और शक्ति के साथ जीवन में आगे बढ़ने के रूप में देखा जा सकता है।
अंत में, विजयादशमी हमें यह सिखाती है कि अच्छाई और सत्य की हमेशा विजय होती है। यह पर्व न केवल धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा है, बल्कि यह हमें अपनी जिंदगी में जीत और सच्चाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देता है।
इस विजयादशमी, हम सभी को अपनी जीवन यात्रा में विजय प्राप्त करने की शुभकामनाएँ!