
Manu Bhaker and Sarabjot Singh: भारतीय निशानेबाजी की युवा स्टार मनु भाकर और सरबजोत सिंह, जिन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था, अपने पदकों को लेकर एक नई समस्या का सामना कर रहे हैं। मनु भाकर ने शिकायत की है कि पेरिस ओलंपिक में जीते गए उनके दोनों कांस्य पदक खराब हो गए हैं। यह समस्या केवल भाकर तक सीमित नहीं है, बल्कि दुनिया भर के कई एथलीटों ने भी इसी तरह की शिकायतें की हैं, जिसमें उनके पदकों की गुणवत्ता में गिरावट देखी गई है।
Bhaker’s medals have “faded”
सूत्रों के अनुसार, मनु भाकर के दोनों कांस्य पदक “फीके” हो गए हैं और लंबे समय से इसी स्थिति में हैं। इसके बाद, अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने इस मामले पर कदम उठाते हुए घोषणा की है कि क्षतिग्रस्त और दोषपूर्ण पदकों को बदला जाएगा। फ्रांस की सरकारी स्वामित्व वाली इकाई, मोने डे पेरिस, जो ओलंपिक पदकों का निर्माण करती है, इन पदकों को बदलने की प्रक्रिया की जिम्मेदारी संभालेगी।
IOC ने आश्वासन दिया है कि सभी बदले गए पदक मूल पदकों की तरह ही उकेरे जाएंगे, ताकि एथलीटों की उपलब्धियों का सम्मान बना रहे। हर ओलंपिक पदक के केंद्र में एक लोहे का टुकड़ा जड़ा होता है, जिसका वजन लगभग 18 ग्राम होता है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नए पदकों की गुणवत्ता और डिज़ाइन मूल पदकों के समान हों।
पेरिस ओलंपिक 2024 के पदक, जो स्वर्ण, रजत, और कांस्य श्रेणी में हैं, कुल 5,084 की संख्या में बनाए गए थे। इनका निर्माण लक्ज़री आभूषण और घड़ी कंपनी चौमेट द्वारा किया गया था, जो कि LVMH समूह का हिस्सा है। निर्माण प्रक्रिया में मोने डे पेरिस ने प्रमुख भूमिका निभाई थी। इन पदकों को विशेष रूप से पेरिस के प्रतिष्ठित एफिल टॉवर के तत्वों से सजाया गया है, जो उन्हें सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व प्रदान करता है।
Manu Bhaker’s historic performance
मनु भाकर का नाम भारतीय खेल इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो चुका है। वह स्वतंत्रता के बाद ओलंपिक के एक ही संस्करण में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट हैं। उन्होंने व्यक्तिगत 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर भारत के लिए पदक अभियान की शुरुआत की। इसके साथ ही वह ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज भी बनीं।
पेरिस ओलंपिक आयोजन समिति आने वाले सप्ताहों में सभी क्षतिग्रस्त और दोषपूर्ण पदकों को बदलने की प्रक्रिया को पूर्ण करेगी। यह कदम एथलीटों की मेहनत और उनके सम्मान को बनाए रखने के लिए उठाया गया है। मनु भाकर और सरबजोत सिंह जैसे खिलाड़ियों के लिए यह पहल उनकी उपलब्धियों को सही रूप में संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
यह घटनाक्रम न केवल एथलीटों के सम्मान की पुष्टि करता है, बल्कि खेल जगत में गुणवत्ता और पारदर्शिता बनाए रखने की IOC की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।