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Sarswati Vandana Shayari 2025 : सरस्वती वंदना शायरी विद्या, ज्ञान और कला की देवी माँ सरस्वती को समर्पित है। यह शायरी हमारी बुद्धि, वाणी और संगीत में प्रखरता लाने की प्रार्थना है, भक्तजन माँ सरस्वती से ज्ञान, विद्या और विवेक का आशीर्वाद माँगते हैं ताकि जीवन में सफलता और उज्ज्वल भविष्य प्राप्त कर सकें। सरस्वती वंदना शायरी में माँ की महिमा, उनकी करुणा और कृपा का वर्णन है, यह शायरी विद्यार्थियों, कवियों और संगीतकारों के लिए विशेष महत्व रखती है।
Sarswati Vandana Shayari
(सरस्वती वंदना शायरी)
वीणा वादिनी ज्ञान की देवी, तुमसे ही उजियारा है,
तुम बिन जीवन सूना-सूना, हर सपना अधूरा है।
दया दृष्टि रखना माँ, हम पर अपना हाथ रखना,
विद्या-बुद्धि का धन देना, मन में सदा प्रकाश रखना।शारदा माँ के चरणों में, जो शीश झुका लेता है,
ज्ञान, बुद्धि, विवेक का मोती वह सदा पा लेता है।
अंधियारे से निकालकर, प्रकाश से भर देती हैं,
जो माँ सरस्वती की पूजा सच्चे मन से करता है।माँ सरस्वती आओ जीवन में उजियारा कर दो,
हर मन से अब ज्ञान के दीपक को जला दो।
बुद्धि और विवेक से जीवन को सफल बना दो,
अपनी करुणा से माँ, हर कण-कण को पावन कर दो।वीणा की धुन से मधुर सुमधुर संगीत बना दो,
ज्ञान की देवी माँ, मुझको भी प्रतिभाशाली बना दो।
मेरे मन को निर्मल कर दो, मेरे तन को पावन कर दो,
सत्कर्म की राह पर चलने का मुझमें संकल्प भर दो।कलम को शक्ति दो माँ, मेरी वाणी में मिठास हो,
हर शब्द से ज्ञान की गंगा का मधुर अहसास हो।
अंधकार से बाहर लाओ, बुद्धि को इतना तेज दो,
हर हृदय में माँ सरस्वती, तेरा सदा निवास हो।विद्या की देवी माँ, तेरा ही गुणगान करें,
तेरी ममता में हर पल, हम आनंद महान करें।
ज्ञान दीप से आलोकित, हर जीवन हो जाए,
माँ सरस्वती की कृपा से, हर सपना साकार हो जाए।श्वेत वस्त्र में माता विराजें, वीणा की धुन सुनाएं,
जो माँ के चरणों में झुके, उसे ज्ञान का भंडार मिल जाए।
मन में सच्ची श्रद्धा रखो, माँ की महिमा गाओ,
हर संकट हर लेंगी माता, बस सच्चे मन से बुलाओ।वीणा की झंकार से गूंजे, जग सारा ये प्यारा,
ज्ञान ज्योति जलाओ माता, कर दो भवसागर से किनारा।
जो शरण तुम्हारी आए, माँ उसे सफल बनाओ,
विद्या-बुद्धि का वर देकर, जीवन सफल बनाओ।शारदा माँ का रूप है प्यारा,
ज्ञान का सागर, प्रेम का धारा।
जो भी सच्चे मन से पुकारे,
माँ उसकी नैया पार उतारे।ज्ञान की देवी माता हमारी,
हर मनुष्य को दो सुमति प्यारी।
तुम ही तो हो ज्ञान का दीपक,
कर दो जीवन स्वर्ण सा भारी।अज्ञान तिमिर से बाहर लाओ,
ज्ञान की गंगा बहने दो।
माँ वीणावादिनी का वास हो,
मुझमें ऐसी ज्योति जलने दो।शब्दों में मृदुता भर दो माँ,
ज्ञान का दीप जला दो।
हर द्वार से तिमिर मिटाकर,
सत्कर्मों की राह दिखा दो।शारदा माँ की महिमा न्यारी,
हर मन में बस जाए प्यारी।
विद्या-बुद्धि दो अपार हमें,
माँ तुमसे है संसार हमारी।सरस्वती माँ तेरा वरदान,
हम सबको दे शुभ ज्ञान।
तेरी महिमा अपरंपार,
कर दो माँ भवसागर पार।ज्ञान की देवी हमको दो आसरा,
न रहे कोई भी अधूरा हमारा सपना।
सद्गुण और सच्चाई का दो ज्ञान,
माँ तुमसे ही चमके हमारी पहचान।श्वेत कमल पर माँ विराजे,
वीणा की धुन सबको भाए।
जो सच्चे मन से वंदन करे,
ज्ञान-विवेक से पूर्ण हो जाए।मन में ज्योति जला दो माँ,
हर मुश्किल सरल बना दो माँ।
विद्या-बुद्धि का दान हमें दो,
हर सपना साकार कर दो माँ।तेरी वंदना से मिले प्रकाश,
तेरे ज्ञान से मिटे हर पाप।
तेरा आशीष सदा रहे हम पर,
कर दो माँ सब संकट समाप्त।वीणा की झंकार से गूँजे आकाश,
माँ सरस्वती का रहे सदा वास।
ज्ञान का दीप जले हर द्वार,
विद्या का कर दो माँ संचार।माँ सरस्वती तेरा वरदान,
हमको मिले सच्चा ज्ञान।
अज्ञान का अंधेरा मिट जाए,
हर जगह फैले तेरा सम्मान।
jaankarilo.com की तरफ से माँ सरस्वती की कृपा सभी पर बनी रहे!