
Hanuman Jayanti 2025 : हनुमान जयंती 2025 में 12 अप्रैल, शनिवार को मनाई जाएगी। यह पर्व हर वर्ष चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और भगवान हनुमान के जन्म की स्मृति में इसे धूमधाम से मनाया जाता है। भगवान हनुमान, जिन्हें वानर भगवान और अंजनेय के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के सबसे पूजनीय देवताओं में से एक हैं। उनके प्रति आस्था और भक्ति का यह पर्व भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है।
उत्तर भारत में हनुमान जयंती
उत्तर भारत में हनुमान जयंती चैत्र पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और मंदिरों में भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना करते हैं। हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ किया जाता है, और भगवान को लाल कपड़े, सिंदूर और फूल चढ़ाए जाते हैं। भक्त उपवास रखते हैं और भोग में लड्डू और चने का प्रसाद अर्पित करते हैं।
दक्षिण भारत में हनुमान जयंती
दक्षिण भारत में हनुमान जयंती को अलग-अलग समय और तरीकों से मनाया जाता है।
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना: यहां हनुमान जयंती का उत्सव 41 दिनों तक चलता है। यह चैत्र पूर्णिमा से शुरू होकर वैशाख कृष्ण पक्ष के दसवें दिन समाप्त होता है। इस अवधि में भक्त विशेष दीक्षा लेते हैं और कठोर व्रत पालन करते हैं।
तमिलनाडु: तमिलनाडु में इसे ‘हनुमथ जयंती’ के रूप में मनाया जाता है। यह मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पड़ती है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर में दिसंबर या जनवरी में आती है।
कर्नाटक: यहां हनुमान जयंती मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को मनाई जाती है। इस दिन का नाम ‘हनुमान व्रतम’ है और इसे विशेष रूप से धार्मिक अनुष्ठानों के साथ मनाया जाता है।
भगवान हनुमान का जन्म और महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान हनुमान का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था। उनका जन्म वानर राज केसरी और माता अंजना के घर हुआ था। इसीलिए उन्हें अंजनेय के नाम से भी पुकारा जाता है। हनुमान जी भगवान राम के अनन्य भक्त माने जाते हैं और उन्हें भक्त और भगवान के बीच आदर्श संबंध का प्रतीक माना जाता है।
हनुमान जी की उपासना से जीवन में शक्ति, साहस और भक्ति का संचार होता है। उन्हें संकटमोचक कहा जाता है क्योंकि वे अपने भक्तों के सभी कष्ट हर लेते हैं।
हनुमान जयंती पर उत्सव
हनुमान जयंती के दिन मंदिरों में विशेष पूजा, हवन और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। सूर्योदय से पहले ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। कई स्थानों पर शोभा यात्राओं का आयोजन भी किया जाता है, जहां भगवान हनुमान की झांकियां निकाली जाती हैं।
यह पर्व न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह हमें हनुमान जी के गुणों जैसे निःस्वार्थ सेवा, अनुशासन, और भगवान के प्रति समर्पण को अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा भी देता है।
हनुमान जयंती 2025 के इस पावन अवसर पर, हम सभी को भगवान हनुमान से यह प्रार्थना करनी चाहिए कि वे हमें हर संकट से मुक्ति दिलाएं और हमारे जीवन में शक्ति और सकारात्मकता का संचार करें।