
Christmas Day 2024 क्रिसमस डे, 25 दिसंबर, दुनिया भर में सबसे प्रिय त्योहारों में से एक है। यह दिन यीशु मसीह के जन्म की खुशी में मनाया जाता है और इसे ईसाई धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यधिक महत्व का पर्व माना जाता है। लेकिन क्रिसमस की विशेषता केवल ईसाई धर्म तक सीमित नहीं है; यह त्योहार सार्वभौमिक प्रेम, सद्भाव और दया का प्रतीक बन चुका है, जिसे हर धर्म और संस्कृति के लोग बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाते हैं। आइए इस पर्व के इतिहास, परंपराओं और सांता क्लॉज की दिलचस्प कहानी पर एक नज़र डालते हैं।
क्रिसमस का इतिहास
क्रिसमस का संबंध यीशु मसीह के जन्म से है। बाइबिल के अनुसार, यीशु का जन्म बेथलहम नामक स्थान पर एक गौशाला में हुआ था। उनकी माता, मैरी, और पिता, जोसेफ, गरीब लेकिन धर्मनिष्ठ लोग थे। यीशु को मानवता के उद्धारकर्ता के रूप में देखा गया, और उनके जन्म को एक दिव्य घटना माना गया।ऐसा माना जाता है कि चौथी शताब्दी में रोमन सम्राट कॉन्स्टेंटाइन के शासनकाल के दौरान, 25 दिसंबर को यीशु के जन्मदिन के रूप में चिह्नित किया गया। हालांकि बाइबिल में उनके जन्म की सही तारीख का उल्लेख नहीं है, यह तारीख तब चुनी गई जब रोमन साम्राज्य में पेगन त्योहार ‘सोल इनविक्टस’ को ईसाईकरण किया गया।
क्रिसमस धीरे-धीरे धार्मिक अनुष्ठानों से आगे बढ़कर एक सांस्कृतिक उत्सव बन गया, जिसमें गीत, उपहारों का आदान-प्रदान, और सजावट का महत्व बढ़ गया।
क्रिसमस की परंपराएँ
क्रिसमस के साथ कई परंपराएँ जुड़ी हुई हैं, जो इस पर्व को और भी खास बनाती हैं।
क्रिसमस ट्री: सदाबहार वृक्ष को सजाने की परंपरा 16वीं शताब्दी के जर्मनी से शुरू हुई। आज, यह क्रिसमस का प्रमुख प्रतीक बन गया है।
उपहार: यह परंपरा उन तीन बुद्धिमान व्यक्तियों से प्रेरित है जिन्होंने यीशु को उनके जन्म पर उपहार दिए थे।
क्रिसमस कैरल: गाने और भजन क्रिसमस की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा हैं।
सांता क्लॉज: बच्चों को उपहार देने की यह परंपरा इस पर्व की खुशी को और बढ़ा देती है।
सांता क्लॉज की कहानी
सांता क्लॉज, या ‘सेंट निकोलस’, का इतिहास चौथी शताब्दी में मौजूद एक ईसाई संत से जुड़ा है। सेंट निकोलस तुर्की के मायरा क्षेत्र के एक धर्मगुरु थे, जो अपनी उदारता और बच्चों से प्रेम के लिए प्रसिद्ध थे। उन्होंने जरूरतमंदों की मदद की और बच्चों को गुप्त रूप से उपहार दिए।
क्लेमेंट क्लार्क मूर की कविता में 19वीं शताब्दी में सांता क्लॉज की छवि को पुनर्परिभाषित किया गया। सांता को लाल-सफेद कपड़े पहनने वाले हंसमुख और जादुई व्यक्ति के रूप में चित्र बनाया गया है |

क्रिसमस का आधुनिक स्वरूप
आज के समय में, क्रिसमस धार्मिक महत्व के साथ-साथ सांस्कृतिक और सामाजिक उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। चर्च में प्रार्थना, उपहारों का आदान-प्रदान, घरों और बाजारों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाना, और परिवार के साथ विशेष भोजन का आनंद लेना इस पर्व के मुख्य आकर्षण हैं।
क्रिसमस हर व्यक्ति को प्रेम और दया का संदेश देता है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि दूसरों की मदद करना और खुशियाँ बाँटना ही सच्चा उत्सव है।
क्रिसमस केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह मानवता की साझा धरोहर का प्रतीक है। इतिहास, परंपराएँ, और सांता की कहानी इस दिन को और भी खास बनाते हैं। चाहे आप किसी भी धर्म या संस्कृति से हों, क्रिसमस का संदेश सार्वभौमिक है—प्रेम, दया, और शांति। इस क्रिसमस, अपने आस-पास के लोगों के साथ खुशियाँ बाँटें और इस पर्व की सच्ची भावना को महसूस करें।