
Bihar Makar Sankranti Food : बिहार का मकर संक्रांति में खाने (food ) की बात करे तो हर किसी की जुबान पर दही, चुरा, तिलबा आता है | दही, चुरा, तिलबा को बिहार में मकर संक्रांति का बेस्ट फूड माना जाता है | ये एक व्यंजन ही नहीं ब्यंग भी “दही चुरा तिलबा पादे कपिलबा”| इसके आलवा और सामग्री होता है खाने में जैसे दूध दही चुरा, तिलबा, तिलकुट, भूरा, आलू मटर गोभी की सब्जी, कुल मिलाकर मीठा के तीखा का भी आनंद लिया जाता है |
मकर संक्रांति मनाने का रिवाज बिहार में अपने ऊपर से मकर हटाने से है, इसलिए सुबह उठकर नहा-धोकड़ भगवान सूर्य का को जल अर्पित कर चावल तिल गुड़ अपने से बड़े के हाथ से खाते है उनकी बात मानने का प्रण लेते है |
Makar Sankranti khichadi
मकर संक्रांति में खिचड़ी खाने का महत्त्व अपने जीवन में खुशहाली लाने से क्योंकि खिचड़ी बनाने के लिए हरी सब्जी और दाल, मटर का उपयोग किया जाता है | संक्रांति में खिचड़ी खाने में ही केवल स्वादिष्ट नहीं होता सेहत और जीवन में खुशहाली भी लाता है निरोग बनाकर | खिचड़ी खाने सही समय रात में माना जाता है , साथ में घी, पापड़, अचार का भी आनंद ले |

Bihar Special Food
बिहार का स्पेशल फूड चावल, दाल, आलू की भुजिया, हरी सब्जी, पापड़ अचार है | ये भोजन कम मसाले के साथ बनाया जाता है जो सेहत के लिहाजा से अच्छा है | वैसे पूरी दुनिया में प्रसिद्ध लिट्टी चोखा है | चंपारण मटन भी लोगो की दिल में खास जगह रखता है जो नॉनवेज लवर है | मटन मिट्टी की हांडी में बनाने से स्वाद में चार चाँद लगा देता है |
Bihar Famous Sweet Name

बिहार के कई व्यंजन अपनी प्रसिद्धि के लिए जाने जाते हैं। फूड एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन व्यंजनों की लोकप्रियता का मुख्य कारण उनका स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक होना है। बिहार के पारंपरिक व्यंजन न केवल स्वाद में बेमिसाल हैं, बल्कि पोषण से भरपूर भी होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद हैं।
बिहार के प्रसिद्धि स्वीट्स का नाम
गया का तिलकुट जो तिल गुड़, तिल चीनी के साथ बनाया जाता है |
बाढ़ का लाई जो मावे और रामदाना से बनाया जाता है |
सिलाव का खाजा जो मुँह में जाते ही घुल जाता है |
पंडारक का बालूशाही जो बिना तले दूध छेना को गोल बनाकर चीनी की गरम चासनी में बनाया जाता है |
Famous Food Of Bihar Litti Chokha

लिट्टी चोखा बिहार से निकल कर पूरे वर्ल्ड में फेमस फूड बन गया है | इस पर गाना भी “इंटरनेशनल लिट्टी चोखा जो ना खाया वो खइलस दोखा ” | आप जब भी खाये इस गाने का भी आनंद ले |
लिट्टी चोखा का इतिहास शेरशाह सूरी की सेना से जुड़ा हुआ है। ऐसा कहा जाता है कि जब सेना लंबी दूरी की यात्रा करती थी, तो सैनिक लिट्टी चोखा खाकर चलते थे। यह व्यंजन इतना पौष्टिक और संतोषजनक होता था कि इसे खाने के बाद सैनिकों को जल्दी भूख नहीं लगती थी, और वे अपनी यात्रा जारी रखते थे।

Litti Chokha Party
लिट्टी चोखा का असली आनंद दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ ही आता है। इसे बनाने में समय लगता है, और अकेले में इसे बनाना और खाना थोड़ा उबाऊ लग सकता है। साथ में हंसी-मजाक और बातचीत इस व्यंजन के स्वाद को और भी बढ़ा देते हैं।
अगर आप लिट्टी चोखा पार्टी का आयोजन कर रहे हैं, तो अपने मजाकिया और सहायक दोस्तों को जरूर बुलाएं। साथ ही, उन्हें तैयारी में थोड़ा हाथ बंटाने के लिए भी कहें। पार्टी के अंत में, हल्की-फुल्की चुहलबाज़ी और मजेदार चुटकियों के साथ उन्हें विदा करें, ताकि यह यादगार शाम उनके दिल में बस जाए। इस तरह, अगली बार की पार्टी का इंतजार उन्हें बेसब्री से रहेगा!

Bihar Village Food
बिहार के गांव के पारंपरिक व्यंजनों की बात आते ही मुंह में पानी आ जाता है, और इनके स्वाद की यादें दिमाग से मिटाए नहीं मिटतीं। यहां के ग्रामीण खाने का अनोखा स्वाद और पोषण हर किसी को लुभा लेता है।

पुश पीठा: चावल के आटे से तैयार यह लड्डू, जिसमें मावे और अलसी का भरावन होता है, स्वाद और सेहत का अनोखा संगम है।
कद्दू की सब्जी-रोटी: यह व्यंजन खास तौर पर कद्दू को अलसी के साथ पकाकर बनाया जाता है, जो इसकी सादगी और स्वाद को खास बनाता है।
हरी ताजी खेसारी और चने की साग: सर्दियों के मौसम में ये ताजा साग अपने पौष्टिक गुणों और देसी स्वाद के लिए लोकप्रिय है।
भुना हुआ मक्के की रोटी: ग्रामीण इलाकों में मक्के की रोटी, भुनने के बाद, देसी घी और चटनी के साथ बेहद स्वादिष्ट लगती है।
चना का भभरा: भीगे हुए काले चने को सिलबट्टे पर दरदरा पीसकर बनाया जाने वाला यह पकवान अपने अलग स्वाद और देसी पद्धति के लिए जाना जाता है।
बिहार के गांवों का यह खाना स्वाद, परंपरा और सेहत का बेहतरीन मेल है, जिसे एक बार चखने के बाद इसे भुला पाना मुश्किल है।