
बसंत पंचमी का पर्व धूम धाम से मनाये अपने दोस्त, परिवार, प्रियजनों को बेस्ट “Basant Panchami Shayari” हिंदी में भेज कर wish करे | माँ सरस्वती सभी के जीवन समृद्धि, ऊर्जा और उल्लास आशीर्वाद दे |
मां सरस्वती का वरदान मिले,
ज्ञान और बुद्धि का सम्मान मिले।
खुशियों का मौसम हर कोना महकाए,
बसंत पंचमी का त्यौहार सबको भाए।सरसों के खेतों में खुशबू बिखराए,
बसंत की बयार हर दिल को लुभाए।
विद्या की देवी का करे आह्वान,
बसंत पंचमी का पर्व मनाए।
बसंत पंचमी भारत में उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाने वाला एक प्रमुख पर्व है। यह दिन विद्या, संगीत और कला की देवी माँ सरस्वती को समर्पित होता है। लोग इस दिन सरस्वती पूजा करते हैं और उनसे ज्ञान, बुद्धि और विवेक का वरदान मांगते हैं। पूजा के दौरान सफेद और पीले रंग के फूल, पुस्तकें और वाद्ययंत्र देवी को अर्पित किए जाते हैं।
गुलाल संग राग बसंती छाए,
हर दिल में उमंग की लहर आए।
विद्या की देवी का करें वंदन,
बसंत पंचमी का पर्व करे जीवन सुंदर।हर गली, हर बगिया में छाई बहार,
बसंती रंग में रंगा ये संसार।
ज्ञान का प्रकाश फैले हर ओर,
बसंत पंचमी का त्यौहार है बेमिसाल।
बसंत पंचमी के दिन पीले रंग को विशेष महत्व दिया जाता है। पीला रंग समृद्धि, ऊर्जा और उल्लास का प्रतीक माना जाता है। लोग पीले वस्त्र पहनते हैं और पीले रंग के पकवान जैसे खिचड़ी और मीठे चावल बनाकर प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।
पीले वस्त्रों में सजी धरा की रानी,
मधुर स्वर लाए सरस्वती वाणी।
खुशियों से झूमे हर गली हर चौबारा,
बसंत पंचमी का त्यौहार प्यारा।भंवरे गुनगुनाते, तितलियाँ नाचें,
हर गली में बसंत के गीत गाए जाएं।
सरसों के खेतों में है सोने सी चमक,
बसंत पंचमी का पर्व लाए खुशी की झलक।
यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि प्राकृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस समय खेतों में सरसों के पीले फूल ऐसे खिल उठते हैं जैसे सोने की परत बिछ गई हो। जौ और गेहूँ की बालियाँ भी खिलने लगती हैं, और आम के पेड़ों पर मंजर आ जाते हैं। वातावरण में ताजगी और सुंदरता छा जाती है, जिसे रंग-बिरंगी तितलियाँ और भँवरे और भी आनंदमय बना देते हैं।
जौ और गेहूँ की बाली मुस्काए,
आम की डालियाँ भी झूमने लग जाएं।
मां सरस्वती का जब करे आह्वान,
हर हृदय में उठे नई उड़ान।कोयल गाए, बगिया महकाए,
हरियाली संग पीला रंग छाए।
विद्या की ज्योति से अज्ञान दूर हो,
बसंत पंचमी का हर दिन भरपूर हो।
बसंत पंचमी को होली के आगमन की शुरुआत भी माना जाता है। कई जगह लोग इस दिन गुलाल उड़ाकर रंगों के त्योहार की मस्ती में डूब जाते हैं। यह पर्व न केवल भारतीय संस्कृति और परंपराओं का हिस्सा है, बल्कि प्रकृति के साथ मनुष्य के गहरे संबंध को भी दर्शाता है।
बसंती हवा संग खुशबू है लाई,
धरती पर छाई हरियाली छाई।
मां सरस्वती का आशीष मिले सबको,
ज्ञान से भर दे जीवन हम सबका।