
दिल्ली की राजनीति में चर्चा का विषय बने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और मशहूर शिक्षक अवध ओझा ने एक विवादास्पद बयान दिया है। ओझा ने ‘आप’ प्रमुख अरविंद केजरीवाल को भगवान कृष्ण का अवतार बताया है। पटपड़गंज विधानसभा सीट से ‘आप’ के उम्मीदवार ओझा का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
केजरीवाल गरीबों के मसीहा: अवध ओझा
अरविंद केजरीवाल जी निश्चित तौर पर भगवान हैं। मैं कह चुका हूं कि वह कृष्ण के अवतार हैं। जब भी कोई व्यक्ति समाज में बदलाव लाने की कोशिश करता है और गरीबों के लिए काम करता है, तो समाज के ‘कंस’ उनके पीछे पड़ जाते हैं। यही कारण है कि भगवान कृष्ण जेल में पैदा हुए थे। आज भी कुछ लोग नहीं चाहते कि कोई गरीबों और मजलूमों के लिए काम करे।”
ओझा ने दिल्ली सरकार की नीतियों का उदाहरण देते हुए कहा कि केजरीवाल ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरीन काम किए हैं। उन्होंने दावा किया कि उनकी दूरदर्शिता और गरीबों के प्रति समर्पण भगवान जैसे हैं। ओझा ने कहा, “दिल्ली का मॉडल पूरे भारत के लिए उदाहरण बन गया है। लोग घबराए हुए हैं कि 2029 में केजरीवाल कहीं प्रधानमंत्री न बन जाएं। शिक्षा फ्री कर दी, बुजुर्गों की सेवा का ध्यान रखा, ये सब भगवान के ही लक्षण हैं।”
भाजपा का विरोध और आक्रोश
अवध ओझा के इस बयान पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। दिल्ली भाजपा की प्रवक्ता प्रीति अग्रवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “केजरीवाल को श्रीकृष्ण जी जैसा बताना हिंदुओं की आस्था का मजाक उड़ाने जैसा है। यह बयान शर्मनाक और अस्वीकार्य है। आम आदमी पार्टी बार-बार हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं का अपमान करती रही है।”
भाजपा ने इस बयान को राजनीतिक स्टंट करार देते हुए कहा कि ‘आप’ नेता धर्म और आस्था का इस्तेमाल अपने प्रचार के लिए कर रहे हैं। पार्टी ने ओझा से माफी की मांग की और ‘आप’ पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।
सोशल मीडिया पर बहस जारी
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। ‘आप’ समर्थक जहां ओझा के बयान को केजरीवाल की योजनाओं और उनकी मेहनत का सम्मान बता रहे हैं, वहीं भाजपा और अन्य विपक्षी दल इसे अतिरेक और धर्म का राजनीतिक इस्तेमाल कह रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल या आम आदमी पार्टी की ओर से अभी तक इस विवाद पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मुद्दा आगामी विधानसभा चुनावों में कितना असर डालता है।