
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 दिसंबर को बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकि नगर से अपनी बहुप्रतीक्षित प्रगति यात्रा की शुरुआत की। इस यात्रा का उद्देश्य ग्रामीण विकास योजनाओं का आकलन, जनता के साथ संवाद और सरकार की योजनाओं के प्रभाव का प्रत्यक्ष निरीक्षण करना है।
यात्रा के पहले चरण में मुख्यमंत्री ने वाल्मीकि नगर से होते हुए पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर और वैशाली तक का भ्रमण तय किया है, जो 28 दिसंबर को समाप्त होगा। इस दौरान उन्होंने करीब 700 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण इलाकों का दौरा कर जनता की समस्याओं को समझा और उनके समाधान के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।
थारू समुदाय के घोटवा टोला में मुख्यमंत्री ने जनसुनवाई के माध्यम से स्थानीय निवासियों से संवाद स्थापित किया। उन्होंने सरकारी योजनाओं को सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाने और समाज के वंचित वर्गों के जीवन स्तर को सुधारने पर विशेष जोर दिया।
मुख्यमंत्री की इस यात्रा में कई विभागों के सचिव, स्थानीय जनप्रतिनिधि और कैबिनेट मंत्री विजय कुमार चौधरी सहित अन्य नेता शामिल हुए। दूसरे चरण की यात्रा 4 जनवरी से गोपालगंज से शुरू होगी, जिसमें सीवान, छपरा, दरभंगा, मधुबनी और समस्तीपुर जैसे जिलों का दौरा किया जाएगा।
यह यात्रा मुख्यमंत्री की सरकार द्वारा ग्रामीण विकास और सामाजिक उत्थान के प्रति प्रतिबद्धता का एक सशक्त उदाहरण है। जनता दल यूनाइटेड के कार्यकर्ताओं और जनता ने गर्मजोशी से मुख्यमंत्री का स्वागत किया। प्रगति यात्रा ने सरकारी नीतियों और विकास योजनाओं के प्रभाव को परखने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया है।