
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान 5 फरवरी को संपन्न हो चुका है, और एग्जिट पोल्स के परिणामों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी, आम आदमी पार्टी (AAP), और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। एग्जिट पोल्स ने यह अनुमान जताया है कि दिल्ली में बीजेपी को बहुमत मिलने की संभावना है, जबकि AAP को काफी कम सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है।
चाणक्य स्ट्रैटेजीज़ के एग्जिट पोल्स के अनुसार, बीजेपी को 39 से 44 सीटों तक जीतने का अनुमान है, वहीं AAP को केवल 25 से 28 सीटों तक सीमित रहने की संभावना जताई जा रही है। कांग्रेस को भी केवल 2 से 3 सीटों के बीच ही सिमटने का अनुमान है। एग्जिट पोल्स में यह भी कहा गया है कि बीजेपी की जीत दिल्ली में एक बार फिर से सत्ता में वापसी का संकेत हो सकती है, खासकर पिछले कुछ सालों में पार्टी ने दिल्ली में अपनी राजनीतिक ताकत को मजबूत किया है।
हालांकि, एग्जिट पोल्स के परिणामों ने एक बार फिर से सवाल खड़े किए हैं। AAP ने इन अनुमानों को सिरे से नकारते हुए कहा कि एग्जिट पोल्स में पार्टी के प्रदर्शन को गलत तरीके से आंकलन किया गया है। AAP के वरिष्ठ नेता सुशील गुप्ता ने एक बयान में कहा, “यह हमारा चौथा चुनाव है, और हर बार एग्जिट पोल में हमारी सरकार नहीं बनती दिख रही है। लेकिन हमने हमेशा चुनावी मैदान में दमदार प्रदर्शन किया है, और इस बार भी दिल्ली की जनता हमारे साथ है।” उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी ने दिल्ली के लोगों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू किया है, और लोगों का समर्थन उनके साथ है, जिससे पार्टी को चुनावी जीत हासिल होगी।
आम आदमी पार्टी का यह भी कहना था कि दिल्ली में उनके द्वारा किए गए काम और योजनाओं को लेकर जनता का रुझान सकारात्मक है। पार्टी का यह भी मानना है कि जब वास्तविक नतीजे आएंगे, तो उनकी सरकार का गठन होगा और दिल्ली में विकास की नई राह खोली जाएगी।
वहीं, कांग्रेस ने भी एग्जिट पोल्स के परिणामों को चुनौती दी है। पार्टी के नेताओं ने दावा किया है कि इन पोल्स में उनकी पार्टी को कम आंका गया है और चुनाव के परिणामों में कांग्रेस को अपेक्षा से अधिक सीटें मिल सकती हैं। हालांकि, कांग्रेस के लिए दिल्ली में वापसी आसान नहीं होने वाली है, क्योंकि पिछले कुछ सालों में पार्टी का जनाधार लगातार घटा है।
असली परिणाम 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे, और तब तक एग्जिट पोल्स के अनुमान ही अंतिम माने जाएंगे। चुनाव आयोग ने कहा है कि वे सभी आवश्यक इंतजाम कर चुके हैं, और 8 फरवरी को सभी परिणाम सार्वजनिक किए जाएंगे। दिल्लीवासियों के लिए यह चुनाव उनके भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं, और इस चुनाव में किसी भी दल को सत्ता हासिल करना दिल्ली की राजनीतिक दिशा तय करेगा।
इस बार का दिल्ली विधानसभा चुनाव भारतीय राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आ सकता है, जहां दिल्ली की जनता अपने निर्णय के साथ आगामी दिनों में भारतीय राजनीति की दिशा को प्रभावित करने वाली ताकत बन सकती है। चुनाव परिणामों के बाद ही यह साफ होगा कि दिल्ली के लिए किस पार्टी के पास अगला पांच साल का नेतृत्व होगा।