
“World Wetlands Theme 2025 (Protecting wetlands for our common future)”
World Wetlands Day 2025 : विश्व वेटलैंड्स दिवस हर साल 2 फरवरी को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य वेटलैंड्स के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। वेटलैंड्स, जैसे दलदली क्षेत्र, झीलें, और मैंग्रोव, पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे बाढ़ नियंत्रण, जल शोधन, और जैव विविधता के संरक्षण में मदद करते हैं।
What is Wetlands
(वेटलैंड क्या है )
वेटलैंड वह क्षेत्र होता है जहाँ पानी जमीन की सतह के ऊपर या उसके पास स्थायी या अस्थायी रूप से मौजूद रहता है। ये स्थान दलदली, झीलों, नदियों के किनारे, मैंग्रोव जंगलों और धान के खेतों जैसे हो सकते हैं। वेटलैंड पर्यावरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये बाढ़ को रोकने, पानी को शुद्ध करने और जैव विविधता को बनाए रखने में मदद करते हैं। ये पक्षियों, मछलियों और अन्य जीवों का प्राकृतिक आवास भी होते हैं। वेटलैंड्स को संरक्षित करना जरूरी है क्योंकि ये जलवायु परिवर्तन को कम करने और पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित बनाए रखने में मदद करते हैं।
What is World Wetlands Day 2025 Theme
(विश्व वेटलैंड्स 2025 का थीम)
2025 में, विश्व वेटलैंड्स की थीम “हमारे साझा भविष्य के लिए वेटलैंड्स की सुरक्षा” है, जो इन पारिस्थितिक तंत्रों के संरक्षण की आवश्यकता पर बल देती है। इस वर्ष का आयोजन विशेष है क्योंकि जुलाई 2025 में जिम्बाब्वे के विक्टोरिया फॉल्स में वेटलैंड्स पर 15वीं सम्मेलन (COP15) आयोजित होगी, जिसमें वेटलैंड्स के संरक्षण और सतत उपयोग पर चर्चा की जाएगी।
History of Wetlands
(वेटलैंड्स का इतिहास)
वेटलैंड्स, जिन्हें आर्द्रभूमि भी कहा जाता है, पानी से भरपूर क्षेत्र होते हैं जो पर्यावरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। ये क्षेत्र दलदल, झीलों, नदियों के किनारे, मैंग्रोव जंगलों और धान के खेतों जैसे स्थानों में पाए जाते हैं।
वेटलैंड्स का इतिहास बहुत पुराना है। प्राचीन काल में, मानव सभ्यताएँ नदियों और झीलों के किनारे ही बसी थीं, क्योंकि पानी जीवन का आधार था। मिस्र, मेसोपोटामिया, सिंधु घाटी जैसी सभ्यताएँ वेटलैंड्स के पास विकसित हुईं।
1971 में, वेटलैंड्स को बचाने के लिए ईरान के रामसर शहर में एक अंतरराष्ट्रीय संधि हुई, जिसे रामसर संधि कहा जाता है। इसका उद्देश्य वेटलैंड्स का संरक्षण करना है।
आज पूरी दुनिया में लगभग 12.1 मिलियन वर्ग किलोमीटर क्षेत्र वेटलैंड्स से ढका हुआ है। रामसर साइट्स के रूप में 170 से अधिक देशों में 2,400 से अधिक महत्वपूर्ण वेटलैंड्स नामित किए गए हैं। भारत में भी 75 से अधिक रामसर साइट्स हैं।
वेटलैंड्स न केवल जल संरक्षण में मदद करते हैं, बल्कि जैव विविधता बनाए रखने, बाढ़ रोकने और जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
New Wetlands in India
(भारत में नया वेटलैंड्स)
हाल ही में, भारत में पाँच नई आर्द्रभूमियों को अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की रामसर साइट्स के रूप में मान्यता दी गई है, जिससे देश में रामसर साइट्स की कुल संख्या 80 हो गई है। ये नई साइट्स हैं:
- कराईवेट्टी पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु): यह तमिलनाडु की सबसे बड़ी अंतर्देशीय आर्द्रभूमियों में से एक है, जो 453.72 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली है। यहाँ पक्षियों की लगभग 198 प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें बार-हेडेड गूज़, पिन-टेल्ड डक, और कॉमन पोचार्ड शामिल हैं।
- लॉन्गवुड शोला रिज़र्व वन (तमिलनाडु): यह शोला वन नीलगिरि क्षेत्र में स्थित है और पश्चिमी घाट की 26 स्थानिक पक्षी प्रजातियों में से 14 का आवास स्थल है, जैसे ब्लैक-चिन्ड नीलगिरि लाफिंग थ्रश और नीलगिरि ब्लू रॉबिन।
- मगदी केरे संरक्षण रिज़र्व (कर्नाटक): यह आर्द्रभूमि बार-हेडेड गूज़ के लिए दक्षिणी भारत में सबसे बड़े शीतकालीन आश्रय स्थलों में से एक है और इसे महत्त्वपूर्ण पक्षी और जैवविविधता क्षेत्र (IBA) घोषित किया गया है।
- अंकसमुद्र पक्षी संरक्षण रिज़र्व (कर्नाटक): यह मानव निर्मित सिंचाई टैंक है, जो 244.04 एकड़ क्षेत्र में फैला है और विभिन्न पक्षी प्रजातियों का आवास स्थल है।
- अघनाशिनी ज्वारनदमुख (कर्नाटक): यह 4,801 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है और अघनाशिनी नदी तथा अरब सागर के संगम पर स्थित है। यहाँ मैंग्रोव वन तटों को तूफानों और चक्रवातों से बचाने में मदद करते हैं।
भारत में आर्द्रभूमियों (वेटलैंड्स) का संरक्षण सदियों पुराना है। प्राचीन काल में, चोल और होयसल जैसे दक्षिण भारतीय राजवंशों ने जल संसाधन प्रबंधन के लिए तालाबों और जलाशयों का निर्माण किया था।
World Wetlands Day Theme 2025, 2026 and 2027
2025 | Protecting wetlands for our common future (हमारे साझा भविष्य के लिए आर्द्रभूमियों का संरक्षण) |
2026 | Wetlands for sustainable cities(टिकाऊ शहरों के लिए आर्द्रभूमि) |
2027 | Wetlands and indigenous knowledge: Preserving cultural heritage(आर्द्रभूमि और स्वदेशी ज्ञान: सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण) |