
किसानो के मसीहा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती 23 दिसंबर के दिन सोमवार 2024 को किसान दिवस के रूप में मनाया गया | यह दिन भारतीय किसानों के अधिकारों के प्रतीक और उनकी आवाज़ बनने वाले पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के उपलक्ष्य में समर्पित है। एक किसान परिवार में जन्मे चरण सिंह का जीवन किसानों के लिए संघर्ष और उनके कल्याण के लिए समर्पण का प्रतीक रहा है।
चौधरी चरण सिंह का प्रारंभिक जीवन
चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर गांव में हुआ। एक साधारण किसान परिवार में जन्मे चरण सिंह ने ग्रामीण जीवन और कृषि की समस्याओं को करीब से देखा और समझा। उनकी प्रारंभिक शिक्षा साधारण थी, लेकिन उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति ने उन्हें इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। उनकी शिक्षा और जीवन के अनुभवों ने उन्हें किसानों के हितों की रक्षा के लिए सशक्त नेतृत्व प्रदान करने के लिए तैयार किया।
स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका चौधरी चरण सिंह
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लेने वाले नेताओं में से एक थे। महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरित होकर, उन्होंने स्वराज के लिए संघर्ष किया और जेल भी गए। आजादी के बाद भी, उन्होंने किसानों और ग्रामीण समुदायों के उत्थान को अपनी प्राथमिकता बनाए रखा।
राजनीतिक जीवन और उपलब्धियां चौधरी चरण सिंह का
राजनीतिक जीवन 1937 में शुरू हुआ, जब वे उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य बने। उन्होंने मंत्री के रूप में कई महत्वपूर्ण विभागों का नेतृत्व किया, जिसमें राजस्व, न्याय और कृषि शामिल थे। उनके द्वारा किए गए भूमि सुधार ने उन्हें किसानों का सच्चा नेता बना दिया। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि 1952 में “जमींदारी प्रथा” को समाप्त करना थी, जिसने किसानों को उनकी भूमि का अधिकार दिलाया।
1967 में, चौधरी चरण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। उनके कार्यकाल में किसानों की भलाई के लिए कई नीतियां बनाई गईं। 1970 में, वे दोबारा मुख्यमंत्री बने और अपनी नीतियों से ग्रामीण भारत को सशक्त बनाया।
1979 में, चरण सिंह भारत के प्रधानमंत्री बने। उनका कार्यकाल भले ही छोटा रहा, लेकिन इस दौरान उन्होंने कृषि प्रधान देश भारत के किसानों के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। उनका मानना था कि देश की अर्थव्यवस्था का आधार कृषि है, और जब तक किसान खुशहाल नहीं होंगे, तब तक देश प्रगति नहीं कर सकता।
किसानों के लिए योगदान चौधरी चरण सिंह
चौधरी चरण सिंह ने हमेशा किसानों के हितों को प्राथमिकता दी। उनकी नीतियों में छोटे और मझोले किसानों को सशक्त बनाना, कृषि उत्पादों के उचित मूल्य सुनिश्चित करना, और ग्रामीण बुनियादी ढांचे का विकास शामिल था। उन्होंने हरित क्रांति का समर्थन किया और कृषि क्षेत्र में तकनीकी उन्नति को प्रोत्साहित किया।
चौधरी चरण सिंह न केवल एक नेता थे, बल्कि एक विचारधारा थे, जिन्होंने भारतीय किसानों के हक के लिए संघर्ष किया। उनका जीवन हमें सिखाता है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और सही नीतियों से समाज को बदलना संभव है। किसान दिवस के माध्यम से हम उनके योगदान को याद करते हैं और यह प्रण लेते हैं कि उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए किसानों और कृषि के विकास के लिए प्रयासरत रहेंगे।