
26 जनवरी को हर देशवासी गणतंत्र दिवस मनाते है, हर समय सीमा की रक्षा सेना करती है, चाहे ठंड हो या बरसात उनके इस जज्बे को सलाम | आये उनके देश के प्रति प्रेम पर “Army Desh Bhakti Shayari” प्रस्तुत है | ये लेटेस्ट है “Army Desh Bhakti Shayari 2025” | इंडियन आर्मी के जवान भी गणतंत्र दिवस पर “Desh Bhakti Shayari” रंग मंच पर सुनाते देश के प्रति प्रेम जाहिर करते है |
Army Desh Bhakti Shayari
सरहदों पर जो दिया इन्होंने बलिदान है,
उनकी वीरता से रोशन हिंदुस्तान है।
जो लड़ गए आखिरी सांस तक दुश्मन से,
उनके जज्बे को सलाम, उनका अभिमान है।
मिटा दिया जिन्होंने खुद को वतन के लिए,
उनके लहू से ये चमन महका है।
वर्दी में लिपटे वीर जो लौटे,
उनके जज्बे को भारत ने सराहा है।
न झुके कभी, न रुके कभी, यही है सेना की कहानी,
हर पल देश पर मर मिटने की ठानी।
दुश्मन की हर चाल नाकाम कर दें,
ये भारत के वीरों की अमर जवानी।
जिन्हें फिक्र नहीं अपनी जान की,
वे ही सेना के सच्चे परवाने हैं।
हर मुश्किल में तिरंगा लहराए,
वे ही भारत के दीवाने हैं।
दुश्मन के दिल में खौफ बनकर छा गए,
हमारे फौलादी जवान भारत का मान बढ़ा गए।
हर गोली जो खाई सीने पर,
उससे ये धरती और भी महका गए।
सीमा पर जो बहता है खून वीरों का,
वो हर कतरा तिरंगे को करता सलाम।
जिनकी वजह से हम आजाद हैं,
उनकी हर सांस को लाखों प्रणाम।
Army Desh Bhakti Shayari 2025
जो मरते हैं वतन की राहों में,
उनकी जन्नत यहीं बनती है।
शेरों सा जो लड़े रणभूमि में,
उनकी वीरता कभी न मरती है।
तूफानों से जो डरते नहीं,
गोलियों से जो झुकते नहीं।
उनकी हिम्मत को सलाम है,
जो हर मोर्चे से पलटते नहीं।
देश के लिए जो हर जंग जीत जाते हैं,
वीर हमारे सरहद पर अमर हो जाते हैं।
हर गोली, हर घाव का हिसाब रखते हैं,
ये भारत मां के बेटे, दुश्मन के दिल दहलाते हैं।
जब-जब देश पर आंच आती है,
तब-तब फौलाद बनकर सेना आती है।
हर मुश्किल को पार कर जाते हैं,
ये वीर सरहद पर जान लुटाते हैं।
सरहद पर जो खड़ा है मुस्कान लिए,
उसकी ताकत को सलाम हर इंसान लिए।
भारत मां की रक्षा में जो तैनात है,
उस वीर की हिम्मत को मेरा प्रणाम है।
दुश्मन की नजरों को चीर कर,
जो भारत मां के लिए खड़े हैं।
वो जवान ही हैं हमारे असली हीरो,
जो हर खौफ को धूल में मड़े हैं।
वीरता की मिसाल हैं जो,
हर रणभूमि में कमाल हैं जो।
सेना के वो जवान हमारे,
भारत मां की ढाल हैं जो।
वतन की मिट्टी को चूमते हैं,
हर फर्ज को दिल से निभाते हैं।
जो लौटते हैं तिरंगे में लिपटकर,
वो शेर दिल वीर कहलाते हैं।
जो सर्दी-गर्मी की परवाह नहीं करते,
जो मौत को भी गले लगाते हैं।
भारत मां की खातिर लड़ने वाले,
वो वीर इतिहास बनाते हैं।
Indian Army Desh Bhakti Shayari 2025
हर बार जो लिखते हैं जीत की कहानी,
दुश्मन के लिए जो बनते हैं तूफानी।
सेना के वीर जो लौटते हैं विजय के साथ,
उनकी वीरता को हर कोई माने दिवानी।
सरहदों पर जो रखते हैं निगाहें,
भारत मां की रक्षा के लिए जीते हैं।
जो कसम खाते हैं वतन पर मिटने की,
उनकी वीरता को हम हरदम गाते हैं।
जो जंग के मैदान में डटे रहते हैं,
जिनकी वजह से तिरंगा लहराता है।
उन वीर जवानों के चरणों में,
सारा हिंदुस्तान शीश झुकाता है।
हर घाव सीने पर सजा हुआ है,
हर वीर भारत का ताजा हुआ है।
जो झुके नहीं किसी दुश्मन के आगे,
उनका इतिहास हमेशा अमर हुआ है।
भारत मां के वीर सपूत,
हर रण में दिखाते हैं जो रूप।
दुश्मनों के लिए बनते हैं काल,
और तिरंगे के लिए हैं उनकी जान।