
Jaipur News राजधानी जयपुर के अजमेर रोड स्थित भांकरोटा के पास आज सुबह एक भयानक हादसे ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। सुबह करीब 5 बजे पुष्पराज पेट्रोल पंप के समीप एक एलपीजी गैस से भरे टैंकर में अचानक भीषण आग लग गई। घटना इतनी गंभीर थी कि धमाके की आवाज़ 10 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई।
जयपुर में घटना का विवरण
सूत्रों के अनुसार, आग इतनी विकराल थी कि 300 मीटर के दायरे में कई वाहन इसकी चपेट में आ गए और जलकर राख हो गए। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि आग की लपटें दूर से ही दिखाई दे रही थीं। हादसे में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है और 50 से अधिक झुलसे हुए लोग एसएमएस अस्पताल और भांकरोटा के निजी अस्पतालों में भर्ती कराए गए हैं। झुलसे हुए लोगों में कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।
घटनास्थल पर कई वाहन चालकों के झुलसने की खबर है। स्थिति इतनी भयावह थी कि कुछ वाहनों में जले हुए लोगों की हड्डियां तक मिली हैं। मृतकों में 5 लोग मौके पर ही जिंदा जल गए।
दमकल और प्रशासन की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। दमकल की कई गाड़ियां आग बुझाने में जुटी रहीं। अधिकारियों ने तुरंत हाईवे के नीचे से गुजर रही एलपीजी गैस पाइपलाइन को बंद कराया ताकि आग को और फैलने से रोका जा सके।
स्थानीय प्रशासन ने हाईवे पर यातायात रोक दिया और यात्रियों को वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की सलाह दी।
हादसे का संभावित कारण
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह हादसा संभवतः टैंकर में तकनीकी खराबी के कारण हुआ है। हालांकि, वास्तविक कारणों का पता जांच के बाद ही चल सकेगा। पुलिस ने इलाके को घेर लिया है और विस्तृत जांच शुरू कर दी है।
राजस्थान मुख्यमंत्री और विपक्ष की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एसएमएस अस्पताल पहुंचकर झुलसे हुए लोगों की स्थिति का जायजा लिया और बाद में घटनास्थल पर भी पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा कि ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए भविष्य में पुख्ता व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों से बात कर तुरंत राहत कार्य शुरू करने का आग्रह किया।
जयपुर के स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
घटनास्थल के पास रहने वाले स्थानीय लोगों ने बताया कि धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि वे डर के मारे घरों से बाहर निकल आए। आग की लपटें कई मीटर ऊंचाई तक उठ रही थीं, जिससे पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
जयपुर में हुआ यह हादसा न केवल एक दुखद त्रासदी है, बल्कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर भी सवाल खड़े करता है। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए और पीड़ितों के परिवारों को आवश्यक सहायता प्रदान की जाए।
यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि सार्वजनिक और औद्योगिक सुरक्षा मानकों का पालन कितना महत्वपूर्ण है।