
Mohini Ekadashi Vrat 2025 : मोहिनी एकादशी व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और फलदायी व्रत माना जाता है। यह व्रत इस वर्ष 8 मई 2025, गुरुवार को मनाया जाएगा। मोहिनी एकादशी का विशेष महत्व भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने और जीवन के पापों से मुक्ति पाने के लिए है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति के सभी दुख और कष्ट दूर होते हैं और वह मोक्ष की ओर अग्रसर होता है।
पारण का नियम और समय
व्रत का पारण (व्रत समाप्त करना) एकादशी के अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है। यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाती है, तो द्वादशी तिथि के भीतर पारण करना आवश्यक है। द्वादशी तिथि के भीतर पारण न करना अशुभ और पाप समान माना जाता है।
पारण के समय हरि वासर का ध्यान रखना आवश्यक है। हरि वासर, द्वादशी तिथि का पहला एक-चौथाई भाग होता है, और इस दौरान पारण नहीं करना चाहिए। पारण का सबसे उपयुक्त समय प्रातःकाल होता है, लेकिन यदि किसी कारणवश प्रातःकाल पारण करना संभव न हो, तो मध्याह्न के बाद पारण किया जा सकता है।
दो दिन की एकादशी का महत्त्व
कभी-कभी एकादशी व्रत लगातार दो दिनों के लिए पड़ता है। ऐसी स्थिति में गृहस्थों को पहले दिन व्रत रखने की सलाह दी जाती है। वहीं, सन्यासियों, विधवाओं और मोक्ष प्राप्ति के इच्छुक लोगों के लिए दूसरे दिन व्रत करने का सुझाव दिया जाता है। यदि स्मार्त परंपरा के अनुसार दूसरे दिन व्रत रखने की सिफारिश की जाती है, तो यह वैष्णव एकादशी व्रत के दिन के साथ मेल खाता है।
भगवान विष्णु के प्रति गहरी भक्ति रखने वाले भक्तों के लिए दोनों दिन व्रत रखना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह व्रत न केवल आत्मिक शुद्धि का माध्यम है, बल्कि भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार भी करता है।
मोहिनी एकादशी का आध्यात्मिक महत्त्व
मोहिनी एकादशी का नाम भगवान विष्णु की मोहिनी अवतार से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने अमृत का वितरण कर देवताओं की रक्षा की थी। इस व्रत का पालन करने से न केवल भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक उन्नति भी होती है।
इस व्रत को पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से मनाना चाहिए। पूजा में भगवान विष्णु का ध्यान, गीता पाठ और भजन-कीर्तन करना विशेष फलदायी होता है। इस दिन व्रत रखने से न केवल वर्तमान जीवन में लाभ मिलता है, बल्कि यह जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति दिलाने वाला भी है।
आइए, इस मोहिनी एकादशी पर व्रत रखकर भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करें और अपने जीवन को धन्य बनाएं।