
Kamada Ekadashi 2025 : इस वर्ष कामदा एकादशी का पावन पर्व 8 अप्रैल 2025, मंगलवार को मनाया जाएगा। यह दिन चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी को समर्पित है और हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है। यह चैत्र नवरात्रि और राम नवमी के तुरंत बाद आती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, यह तिथि मार्च या अप्रैल के महीने में आती है।
कामदा एकादशी का धार्मिक महत्व
कामदा एकादशी को सभी प्रकार के पापों से मुक्ति दिलाने वाला व्रत माना गया है। हिंदू धर्म में ब्राह्मण हत्या को सबसे बड़ा पाप माना गया है। मान्यता है कि इस व्रत को श्रद्धा और विधिपूर्वक करने से ब्राह्मण हत्या जैसे महापाप का भी नाश हो सकता है। भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्तगण इस व्रत का पालन करते हैं। यह व्रत व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ मानसिक शांति प्रदान करता है।
कामदा एकादशी व्रत की विधि
व्रत की शुरुआत एकादशी तिथि के दिन प्रातःकाल स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा से होती है।
पूजा में तुलसी, फल, फूल और दीप का उपयोग किया जाता है।
पूरे दिन उपवास रखा जाता है और मन को पवित्र रखने के लिए विष्णु सहस्त्रनाम, भगवद गीता और अन्य धार्मिक ग्रंथों का पाठ किया जाता है।
रात्रि में जागरण और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है।
पारण का महत्व
व्रत के अगले दिन द्वादशी तिथि पर सूर्योदय के बाद व्रत पारण किया जाता है। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि द्वादशी के भीतर ही पारण करें, क्योंकि द्वादशी के समाप्त हो जाने के बाद पारण करना अशुभ माना जाता है। हरि वासर के दौरान व्रत तोड़ने से बचना चाहिए। हरि वासर द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई अवधि होती है।
दो दिनों की एकादशी का महत्व
कभी-कभी पंचांग के अनुसार एकादशी व्रत दो दिनों के लिए होता है। स्मार्त परिवार के लोग पहले दिन व्रत करते हैं जबकि सन्यासियों, विधवाओं और मोक्ष की इच्छा रखने वाले भक्तों के लिए दूसरे दिन व्रत करने की सलाह दी जाती है। भक्तों का मानना है कि भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद पाने के लिए दोनों दिन व्रत करना अत्यंत शुभ है।
कामदा एकादशी का लाभ
इस व्रत से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है।
व्यक्ति के मन, वचन और कर्म में शुद्धता आती है।
यह व्रत मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।
भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
कामदा एकादशी व्रत एक अद्भुत अवसर है, जो हमें हमारे जीवन में शुद्धता, धर्म और ईश्वर भक्ति के प्रति समर्पित होने का अवसर प्रदान करता है। यह दिन न केवल आध्यात्मिक लाभ के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमें पापों से मुक्ति और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग दिखाता है। अतः इस पवित्र एकादशी पर भगवान विष्णु की आराधना करें और अपने जीवन को सार्थक बनाएं।