
Meena Sankranti 2025 : इस साल मीना संक्रांति 14 मार्च 2025 को दिन शुक्रवार को है | मीन संक्रांति हिंदू सौर कैलेंडर में बारहवें और आखिरी महीने की शुरुआत का प्रतीक है। यह दिन न केवल खगोलीय महत्व रखता है बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। हिंदू धर्म में वर्ष की सभी बारह संक्रांतियां शुभ मानी जाती हैं, और इन्हें दान-पुण्य तथा धार्मिक गतिविधियों के लिए अत्यंत उत्तम समय माना जाता है।
मीन संक्रांति का महत्व
मीन संक्रांति के दिन सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है, जिससे यह खगोलीय घटना बनती है। यह समय मौसम के परिवर्तन और नए कृषि चक्र की शुरुआत का संकेत भी देता है। मीन संक्रांति के दौरान लोग धार्मिक कार्यों और शुभ कर्मों में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं।
संक्रांति के शुभ मुहूर्त
संक्रांति से जुड़ी गतिविधियों के लिए सही समय चुनना अत्यंत आवश्यक है। मीन संक्रांति के लिए संक्रांति क्षण के बाद सोलह घटी (लगभग 6 घंटे 24 मिनट) का समय अत्यंत शुभ माना जाता है। इसी अवधि में दान-पुण्य और अन्य धार्मिक क्रियाएं की जाती हैं। मान्यता है कि इस समय में किया गया दान और पुण्य कर्म कई गुना फलदायी होता है।
दान का महत्व
मीन संक्रांति पर भूमि दान करना विशेष रूप से शुभ माना गया है। इसके अतिरिक्त, अनाज, वस्त्र, और गौदान जैसे अन्य दान भी इस दिन किए जाते हैं। धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि मीन संक्रांति पर किए गए दान से व्यक्ति को जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
दक्षिण भारत में मीन संक्रांति
दक्षिण भारत में मीन संक्रांति को “संक्रमणम” के नाम से जाना जाता है। इस क्षेत्र में लोग इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्ति-भाव से अनुष्ठान संपन्न करते हैं। मीन संक्रांति का धार्मिक उत्साह यहां की सांस्कृतिक परंपराओं में झलकता है।
मीन संक्रांति केवल खगोलीय घटना नहीं है, बल्कि यह समाज में भाईचारा, दानशीलता और मानवता के संदेश को भी प्रोत्साहित करती है। इस दिन लोग गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करते हैं, जिससे समाज में समरसता और संतुलन बना रहता है।
मीन संक्रांति का दिन धार्मिक, खगोलीय और सामाजिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन दान-पुण्य करने से व्यक्ति न केवल अपने जीवन में सकारात्मकता लाता है, बल्कि अपने आध्यात्मिक उत्थान का मार्ग भी प्रशस्त करता है।