
Ratha Saptami 2025 : रथ सप्तमी, जिसे माघ सप्तमी या सूर्य जयंती के नाम से भी जाना जाता है, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर मनाई जाती है। इस पर्व का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्त्व है। 2025 में रथ सप्तमी 4 फरवरी, मंगलवार को मनाई जाएगी। यह दिन भगवान सूर्य को समर्पित है और इसे भगवान सूर्य के जन्म दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान सूर्य ने ज्ञान का प्रकाश फैलाना शुरू किया था, जिससे समस्त संसार आलोकित हुआ।
रथ सप्तमी का धार्मिक और पौराणिक महत्व
रथ सप्तमी को दान-पुण्य और पापों से मुक्ति का विशेष दिन माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भगवान सूर्य की पूजा और व्रत रखने से सात प्रकार के पापों का नाश होता है। यह पाप वर्तमान जीवन, पिछले जन्म, वाणी, शरीर और मन से जाने-अनजाने किए गए हो सकते हैं। यही कारण है कि इसे शुभ और कल्याणकारी पर्व माना जाता है।
आरोग्य और स्नान का महत्त्व
रथ सप्तमी के दिन अरुणोदय के समय स्नान करने का विशेष महत्त्व है। अरुणोदय सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटे पहले का समय होता है। इस समय में स्नान करने से व्यक्ति को दीर्घायु, आरोग्य और आध्यात्मिक शुद्धता प्राप्त होती है। यह स्नान केवल शारीरिक स्वच्छता का प्रतीक नहीं है, बल्कि मानसिक और आत्मिक शुद्धि का भी संकेत है। इसीलिए रथ सप्तमी को “आरोग्य सप्तमी” भी कहा जाता है।
यदि संभव हो तो इस दिन नदी, झील या किसी पवित्र जल स्रोत में स्नान करना अधिक शुभ माना जाता है। स्नान के पश्चात भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर उनकी पूजा की जाती है। अर्घ्यदान के लिए छोटे कलश में जल भरकर भगवान सूर्य को अर्पित किया जाता है। ऐसा करते समय हाथ जोड़कर खड़े होकर सूर्य को प्रणाम किया जाता है।
पूजा विधि और दान-पुण्य
स्नान और अर्घ्यदान के बाद भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। पूजा में शुद्ध घी का दीपक, कपूर, धूप, और लाल फूलों का प्रयोग किया जाता है। भगवान सूर्य को अर्घ्य चढ़ाने से लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि का वरदान मिलता है।
इस दिन दान का भी विशेष महत्त्व है। जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करना शुभ माना जाता है। दान-पुण्य करने से व्यक्ति के कष्ट दूर होते हैं और उसे आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
रथ सप्तमी स्वास्थ्य, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का पर्व
रथ सप्तमी केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह आत्मशुद्धि, स्वस्थ जीवन और समृद्धि का प्रतीक है। भगवान सूर्य की कृपा से न केवल शारीरिक रोगों से मुक्ति मिलती है, बल्कि मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा भी प्राप्त होती है।
इस दिन को मनाकर व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा का संचार कर सकता है। रथ सप्तमी हमें यह संदेश देती है कि भगवान सूर्य की आराधना और प्रकृति के साथ सामंजस्य से जीवन में आनंद और संतुलन प्राप्त किया जा सकता है।